hindi kahani for kids No Further a Mystery

hindi kahaniya for kids

मुंशी प्रेमचन्द हिन्दी कहानी संसार के लिए वरदान बनकर आये, इनकी हिन्दी की पहली कहानी

मूर्ख बातूनी कछुवा : पंचतंत्र की कहानी

इसी कोटि की कहानियाँ हैं। 'दोजख की आग', इन्द्रधनुष आदि आपके कहानी-संग्रह हैं।

कहानी दो वातावरणों को केन्द्र में रखकर लिखी जा रही है। प्रथम ग्रामीण वातावरण और

बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक़ से धुनते हुए, इक्के वाले कभी चंद्रधर शर्मा गुलेरी

प्रेमचन्द ने अपनी कहानियों के पात्र गरीब, बेबस और दबे-कुचले लोगों को बनाया। इन सबके अन्दर गुप्त

जल्दबाज़ी में लिया गया निर्णय : अकबर बीरबल

सिद्धेश्वरी ने खाना बनाने के बाद चूल्हे को बुझा दिया और दोनों घुटनों के बीच सिर रखकर शायद पैर की उँगलियाँ या ज़मीन पर चलते चीटें-चींटियों को देखने लगी। अचानक उसे मालूम हुआ कि बहुत देर से उसे प्यास लगी हैं। वह मतवाले की तरह उठी और गगरे से लोटा-भर पानी अमरकांत

इन्होंने मानव के अवचेतन मन की क्रियाओं और उनकी मानसिक ग्रन्थियों को अपनी

हैं,' अमरकान्त की 'डिप्टी कलक्टरी' आदि कहानियों में

ब्राह्मणी और तिल के बीज : पंचतंत्र की कहानी

कहानीकार प्रयोगधर्मी कहानी कार अधिक थे, इसलिए उस युग की कहानी प्रयोगधर्मी कहानियाँ अधिक है।

लड़ती भेंड़े और सियार : पंचतंत्र की कहानी 

व्यापारी का उदय और पतन : पंचतंत्र की कहानी 

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